सनातन धर्म की रक्षा के लिए हम सबको संगठित रहना होगा : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

कवर्धा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कबीरधाम जिले के बोड़ला में आयोजित पांच दिवसीय हिंदू संगम के धर्मसभा एवं समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने यज्ञ में आहुति अर्पित कर छत्तीसगढ़ की समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने आयोजन समिति के सदस्यों से भेंट कर कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी ली और पारंपरिक रीति से भोजन-प्रसाद ग्रहण किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पाण्डेय, त्रिपुरा की सांसद श्रीमती कृति देवी सिंह, पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल, पाटेश्वरधाम पीठाधीश्वर श्री राम बालक दास जी महाराज सहित कई गणमान्य अतिथि और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी उपस्थित थे।
हिंदू संगम की परंपरा और महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में हिंदू संगम में शामिल होने का सौभाग्य मिला। उन्होंने बताया कि पिछले 13 वर्षों से यह आयोजन बोड़ला में अनवरत रूप से किया जा रहा है, जिसकी आधारशिला श्री मोहन भागवत जी द्वारा रखी गई थी। हिंदू संगम का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म को सशक्त बनाना और समाज को एकजुट करना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 144 वर्षों बाद महाकुंभ का आयोजन विशेष शुभ मुहूर्त में हो रहा है। आज मौनी अमावस्या के अवसर पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से महाकुंभ स्नान कर पुण्य अर्जित करने का आग्रह किया और बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महाकुंभ के लिए 4.5 एकड़ में विशेष मंडप स्थापित किया है, जहां श्रद्धालुओं के निशुल्क ठहरने, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की गई है।
सनातन धर्म पर षड्यंत्रकारी ताकतों से सतर्क रहने की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विदेशी ताकतें और षड्यंत्रकारी तत्व सनातन धर्म को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने जनजातीय समाज की धार्मिक परंपराओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि –
✅ सरना पूजा जनजातीय संस्कृति का अभिन्न अंग है, जिसमें ‘बैगा’ पुजारी की भूमिका निभाते हैं।
✅ गौरा-गौरी पूजा शिव-पार्वती उपासना का ही स्वरूप है, जो आदिकाल से चली आ रही है।
✅ बूढ़ादेव महादेव का ही स्वरूप हैं, जिनकी जनजातीय समाज में विशेष मान्यता है।
✅ आदिवासी समाज सनातन धर्म से गहराई से जुड़ा हुआ है, क्योंकि वे शिव-पार्वती की उपासना, पेड़-पौधों और प्रकृति की पूजा करते आए हैं।
उन्होंने समाज से आग्रह किया कि किसी भी प्रकार के भ्रम में न आएं और संगठित रहकर सनातन धर्म को सहेजने एवं सशक्त करने का संकल्प लें।
छत्तीसगढ़ सरकार के धार्मिक और सामाजिक पहल
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि –
✅ राजिम में इस वर्ष भी भव्य कुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा।
✅ रामलला दर्शन योजना के तहत प्रदेश के श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है। अब तक 20,000 से अधिक श्रद्धालु इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
✅ पुजारियों (बैगा) के लिए मानदेय योजना लाई जा रही है, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति को मजबूत किया जाएगा।
✅ पंडित दीनदयाल मजदूर भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति वर्ष ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सनातन धर्म की रक्षा के लिए संगठित रहने का आह्वान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए समाज को संगठित रहना आवश्यक है। उन्होंने युवा पीढ़ी को धर्म और संस्कृति से जोड़ने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें अपनी परंपराओं को सहेजना होगा ताकि सनातन धर्म सशक्त बना रहे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पाण्डेय, त्रिपुरा की सांसद श्रीमती कृति देवी सिंह, पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल, पाटेश्वरधाम पीठाधीश्वर श्री राम बालक दास जी महाराज सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और हिंदू संगम के महत्व को रेखांकित किया।
“धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संगठित रहें”
मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हर नागरिक को जागरूक और सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह संगम केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने और संस्कृति को सुदृढ़ बनाने का प्रयास है।
“आइए, हम सब मिलकर अपनी महान परंपराओं को सहेजें और सनातन धर्म को और अधिक सशक्त बनाएं!”